आज सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया में नौ नये न्यायाधीश शपथ लेने वाले हैं। इसमें तीन महिला न्यायाधीश भी होंगी। लेकिन आजादी के बाद से अब तक का इतिहास उठा कर देखें तो सुप्रीम कोर्ट में काफी कम महिला न्यायाधीशों को जगह मिल सकी है।
सुप्रीम कोर्ट में महिला न्यायाधीशों की नियुक्ति की शुरुआत हुई छह अक्टूबर 1989 को, जब जस्टिस एम फातिमा बीवी (Justice M Fathima Beevi) ने कार्यभार सँभाला। इस तरह जस्टिस फातिमा बीवी का नाम भारत के सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला न्यायाधीश के तौर पर इतिहास में दर्ज हो गया। उसके बाद आठ नवंबर 1994 को जस्टिस सुजाता मनोहर की नियुक्ति हुई। इसके बाद जस्टिस रूमा पॉल को 28 जनवरी 2000 को नियुक्ति मिली। इसके बाद क्रम से नियुक्त हुईं- जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा, जस्टिस रंजना देसाई, जस्टिस आर भानुमती, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और फिर जस्टिस इंदिरा बनर्जी। जस्टिस इंदिरा बनर्जी अभी सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के तौर पर कार्यरत एकमात्र महिला न्यायाधीश हैं। इनका कार्यकाल 23 सितंबर 2022 को समाप्त हो जायेगा। (लेडीज न्यूज टीम, 31 अगस्त 2021)
(जस्टिस एम फातिमा बीवी का चित्र https://main.sci.gov.in/chief-justice-judges से साभार)