आज जन्मदिन एक ऐसी सशक्त महिला का जिन्हे हम भारत कोकिला के नाम से भी जानते हैं जिन्होंने काव्य जगत तथा भारतीय राजनीति में अपनी सक्रिय एवम् अहम भूमिका निभाई। जिनका जन्म 13 फ़रवरी 1879 में हैदराबाद में हुआ ,जिन्हें सरोजिनी नायडू जी के नाम से जानते हैं। इनके पिता अघोरनाथ चट्टोपाध्याय एक बंगाली ब्राह्मण थे, जो हैदराबाद के निज़ाम कॉलेज के प्रधानाध्यापक थे। सरोजिनी जी ने अपनी प्राथमिक शिक्षा मद्रास में तथा उसके बाद की शिक्षा लंदन तथा कैंब्रिज में पूर्ण की। बचपन से ही सरोजिनी जी को लेखन में रुचि थी उन्होंने अनेक कविताएं लिखी जिसमें 1912 में प्रकाशित उनकी कविता ” इन द बाजार्स ऑफ हैदराबाद” बेहद लोकप्रिय कविता रही क्योंकि उनकी कविताओं में कल्पना और गीतात्मक गुणवत्ता थी, गांधी जी उनकी लेखन शैली से काफ़ी प्रभावित थे। जिसके कारण उन्होंने सरोजिनी जी को “भारत कोकिला” की उपाधि भी प्रदान की। भारतीय राजनीति की तरफ़ रूझान होने के कारण सरोजिनी जी ने इस क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाते हुए 1925 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद को भी सुशोभित किया। वो महात्मा गांधी के विचारों से काफ़ी प्रभावित थी , उन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन, तथा नमक सत्याग्रह में भी अग्रणी भूमिका का निर्वहन किया तथा उस दौरान जेल भी गईं । स्वतंत्रता के पश्चात सरोजिनी जी को संयुक्त प्रांत वर्तमान में ( उत्तर प्रदेश) की प्रथम महिला राज्यपाल बनने का गौरव भी प्राप्त हुआ। 2 मार्च 1949 को लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास में हृदयाघात के कारण सरोजिनी नायडू जी ने अपनी अंतिम सांसे लेकर इस दुनिया को अलविदा कह दिया। नायडू जी ने भले ही दुनिया छोड़ दी हो लेकिन आज भी प्रत्येक भारतीय के मानस पटल पर जीवित हैं । प्रत्येक भारतीय , राष्ट्र के प्रति उनके योगदान के कारण सदैव उनका ऋणी रहेगा। भारतीय राजनीति की अविस्मरणीय महान नेत्री एवम् कवियत्री को विनम्र श्रद्धांजलि।
स्मृति
चित्र साभार इंडिया टुडे
