पर्व सुहावन आज, घड़ी शुभ दिन है आया।
प्रकट हुए शिवनाथ, रूप प्रभु सबको भाया।।
झूम उठे चहुँ लोक, देव सब है हर्षाए।
मंगल बेला देख, सुमन नभ से बरसाए।।
सजे देवालय द्वार, दीप से हो उजियारा।
बजे झाँझ करताल, ध्वनित शिव मंदिर सारा ।।
गूंज रहा प्रभु नाम, शिवम का कर जयकारा।
देव अंबिकानाथ, लगे हैं अनुपम प्यारा।।
दिव्य महाशिवरात्रि, रुद्र की महिमा भारी।
पूजन करलें भक्त, सुखद हो जीवन सारी।।
जर्षे नाम श्रीकंठ, कृपा शिव शंभू पाएँ।
सारे विपदा दूर, सभी तन से मिट जाएँ।।
जय शशिशेखर नाथ, काल के नाशनहारी।
गौरी पति चितिकठ, सुनो हे जग त्रिपुरारी।।
देव पार्वती साथ, तुझे सब भक्त पुकारे।
जग के दीनानाथ, दास के बने सहारे।।
– डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा’
रायपुर (छत्तीसगढ़)