संस्मरण- ” गुस्सा कम हुआ या नहीं?”

आज जब भी मुझे गुस्सा आता है उसके तुरन्त बाद ही मेरे चेहरे पर हल्की सी मुस्कान की लहर दौड़ जाती है ।आप कहेंगे कि ऐसा तो संभव ही नहीं है, लेकिन गुस्से के पीछे एक बहुत ही रोचक किस्सा छुपा हुआ है, जो कि आज भी मुझे गुदगुदा ही जाता है । लेख में […]

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संस्कार बनाम सोशल संस्कार

मेरी इस लेख का शीर्षक पढ़कर कुछ लोग असमंजस में होंगे या इसे मजाक में टाल सकते हैं लेकिन यह शीर्षक मैंने क्यों दिया, इसके लिए मेरे अपने तर्क हैं, हो सकता है इससे आप सहमत हो या असहमत भी हो सकते हैं क्योंकि मुझे यह विषय चिंताजनक लगा। अतः मैंने इसे अपनी लेखनी के […]

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मजदूर

मजदूर लोहे सी किस्मत पर मेहनत के हथौड़े पिटता मजदूर ईटों को सिर पर ढोता मजदूर बालू और सीमेंट की बोरियों को पीठ पर लाद कर भागता मज़दूर फावड़े और छिन्नियो से अपनी किस्मत को कुरेदता मजदूर आंखों में सुखद भविष्य की आशा लिए कितना मजबूर सुबह से शाम तक थकता चूर चूर मेहनत के […]

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साधारण दिखने वाली असाधारण महिला की कहानी

हर महिला का जीवन काफी चुनौतियों से भरा होता है, लेकिन उन चुनौतियों के बीच आखिरकार उसे ही यह तय करना होता है कि इस जीवन को किस रूप में आगे बढ़ाना है। आज मैं कहानी सुनाने वाली हूँ साधारण सी दिखने वाली असाधारण महिला सुधा वैद्य की, खुशमिजाज, सरल, सहज और मिलनसार सुधा वैद्य […]

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नारी

दृढ़ संकल्पित में नारी हूँ, अपने अधिकारों की अधिकारी हूँ। प्रखर प्रगति की आस जगाए, धैर्यवान जग उपकारी हूँ।   नील गगन में उड़ चलूँ मैं, पंख पसार पंछी बन प्यारी। आँखों में नव स्वप्न सजाकर, धवल छवि रख जीवन सारी।   मैं सारी सृष्टि में सबसे प्यारा, सबसे कोमल हूँ। कुदृष्टि के नाश हेतु […]

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महाशिवरात्रि

पर्व सुहावन आज, घड़ी शुभ दिन है आया। प्रकट हुए शिवनाथ, रूप प्रभु सबको भाया।। झूम उठे चहुँ लोक, देव सब है हर्षाए। मंगल बेला देख, सुमन नभ से बरसाए।।   सजे देवालय द्वार, दीप से हो उजियारा। बजे झाँझ करताल, ध्वनित शिव मंदिर सारा ।। गूंज रहा प्रभु नाम, शिवम का कर जयकारा। देव […]

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प्रेम

पता नहीं किसने कह दिया घुटनों के बल बैठकर गुलाब देने को प्रेम कहते हैं! आज फलां डे कल फलां डे! सचमुच का प्रेम तो वही कि जहाँ बातें ही ख़त्म न हों, वो जिससे बातें करते आप कभी न थकें, और कभी शब्द एक दूसरे से गुज़रते हुए आँखों में आकर तिरोहित हो जाएँ […]

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दोहा-छंद “शारदे वंदना”

  विनय करूँ माँ शारदे, मिले कृपा भरपूर । तेरे शुभ आशीष से, हो संकट सब दूर।।   कंठ देवी वागेश्वरी, करो वीणा झंकार। मधुर ध्वनि सुनकर लोग उठें, तेज का संचार करें।   ज्ञानमयी करुणा करो, दे दो माँ वरदान। जीवन आलोकित रहे, हृदय भरे नित ज्ञान।।   वाग्देवी माँ शारदे, करते भक्त पुकार। […]

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तुम आओ बसंत

तुम आओ बसंत हिम से ठिठुरी, पतझड़ से उजड़ी , शाखों पर तुम, लौट आओ बसंत।   बंजर हुये खेतों मे, शुष्क हुये मेढ़ों में सूनी पड़ी अमराई में मंजरियों मे बगराओ बसंत।   रंगहीन हो रही धरा, व्याकुल हो रहा टिटहरा, बासंती चूनर ओढ़, सरसों फूलों पर छाओ बसंत।   सूनी उदास आँखें शिथिल […]

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प्रेम तपस्या

प्रेम सधे सुर प्रीतम तेरे, कर आराधन साधा तुमने । प्रेम तपस्या मुश्किल सब से , जीती है हर बाधा तुमने।। नाम मिटाना मैं का पड़ता, पल-पल साथ निभाया तुमने। अहम छोड़ मैं-मैं का तुम ने, मैं-तू एक बनाया तुमने।। कोरा कागज हिय का आंगन, चित्र प्रेम का खींचा तुमने । मुस्कानों के मृदु झरने […]

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