आज शिक्षक पर्व के उद्घाटन सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि आजादी के सौ वर्ष होने पर भारत कैसा होगा, इसके लिए आज भारत नये संकल्प ले रहा है। आज जो योजनाएँ शुरू हुई हैं, वो भविष्य के भारत को आकार देने में अहम भूमिका निभायेंगी।
शिक्षकों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, इस कोरोना काल में आप सभी दिखा चुके हैं कि हमारी शिक्षा व्यवस्था का सामर्थ्य कितना ज्यादा है। चुनौतियाँ अनेक थीं, लेकिन आप सभी ने उन चुनौतियों का तेजी से समाधान भी किया। ऑनलाइन क्लासेस, ग्रुप वीडियो कॉल, ऑनलाइन प्रोजेक्ट्स, ऑनलाइन एक्जाम्स, पहले ऐसे शब्द भी बहुत लोगों ने सुने ही नहीं थे। लेकिन हमारे टीचर्स ने, पैरेंट्स ने, हमारे युवाओं ने इन्हें सहजता से दैनिक जीवन का हिस्सा बना दिया।
अब समय है कि हम अपनी इन क्षमताओं को आगे बढ़ायें। हमने इस मुश्किल समय में जो कुछ सीखा है उसे एक नयी दिशा दें। सौभाग्य से, आज एक ओर देश के पास बदलाव का वातावरण है तो साथ ही नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसी आधुनिक और भविष्य की ओर देखने वाली नीति भी है। इसीलिए, पिछले कुछ समय से देश लगातार शिक्षा के क्षेत्र में एक के बाद एक नये निर्णय ले रहा है, एक बदलाव होते देख रहा है।
और इसके पीछे जो सबसे बड़ी शक्ति है, वह यह कि ये अभियान केवल नीति आधारित नहीं है, बल्कि भागीदारी आधारित है। नयी शिक्षा नीति को बनाने से लेकर इसे लागू करने तक, हर स्तर पर एकेडेमिशियन्स का, विशेषज्ञों का, टीचर्स का, सबका योगदान रहा है। आप सभी इसके लिए प्रशंसा के पात्र हैं। अब हमें इस भागीदारी को एक नये स्तर तक लेकर जाना है, हमें इसमें समाज को भी जोड़ना है। (लेडीज न्यूज टीम, 07 सितंबर 2021)
(आवरण चित्र https://pib.gov.in/ से साभार)