जनसंख्या के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश से इस बार 10 खिलाड़ी टोकियो ओलम्पिक्स में हिस्सा ले रहे हैं। इनमें से चार महिलाएँ हैं, जिन पर यूपी की शान बढ़ाने की भारी जिम्मेदारी है। आइए, एक-एक कर इनके बारे में बात करते हैं।
प्रियंका गोस्वामी- 20 किमी पैदल चाल
10 मार्च 1996 को जन्मी प्रियंका गोस्वामी (Priyanka Goswami) टोकियो ओलम्पिक्स में 20 किलोमीटर पैदल चाल (Race Walking) में भारत का नाम रोशन करेंगी। इस साल फरवरी में आयोजित नेशनल रेस वॉकिंग चैम्पियनशिप में इन्होंने 1 घंटा 28 मिनट 45 सेकेंड का समय निकाल कर न केवल नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया, बल्कि ओलम्पिक्स के लिए क्वालीफाई भी कर गयीं। मेरठ की रहने वाली प्रियंका पहले जिमिनास्टिक्स में हिस्सा लेती थीं और लखनऊ में रह कर इसकी ट्रेनिंग भी करती थीं। लेकिन इसमें उन्हें आनंद नहीं आया और उन्होंने यह खेल छोड़ दिया। कुछ अंतराल के बाद उन्होंने अपने गृहनगर मेरठ में दौड़ में हिस्सा लेना शुरू किया और वहीं से उनमें पैदल चाल के प्रति रुचि पैदा हुई।
अन्नू रानी- जैवलिन थ्रो
28 अगस्त 1992 को उत्तर प्रदेश के मेरठ के बहादुरपुर गाँव में पैदा हुईं अन्नू रानी (Annu Rani) की लंबाई पाँच फीट पाँच इंच है। दुनिया भर में भाला फेंक (Javelin Throw) में जितनी भी अच्छी खिलाड़ी हैं, सबकी लंबाई कम से कम छह फीट है, लेकिन अन्नू ने कम लंबाई के बावजूद अपनी मेहनत के दम पर सबको इस खेल में अपना लोहा मनवाया है। पटियाला में इसी साल मार्च में हुए फेडरेशन कप में अन्नू ने 63.24 मीटर भाला फेंका था, जबकि ओलम्पिक्स क्वालिफिकेशन मार्क 64 मीटर तय किया गया था। हालाँकि वह इस मार्क से 76 सेंटीमीटर दूर रह गयी थीं, लेकिन नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड जरूर बना डाला। यह आठवीं बार था जब अन्नू ने खुद का रिकॉर्ड तोड़ कर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। अन्नू रानी को अपनी विश्व रैंकिंग (World Rankings) के कारण टोकियो के लिए क्वालिफिकेशन हासिल हुई है।
सीमा पूनिया- डिस्कस थ्रो
हरियाणा के सोनीपत की बेटी और उत्तर प्रदेश के मेरठ की बहू सीमा पूनिया (Seema Punia) टोकियो ओलम्पिक्स में डिस्कस थ्रो (Discuss Throw) में हिस्सा लेंगी। 37 वर्षीया सीमा इस खेल की धुरंधर रही हैं और अब तक कॉमनवेल्थ खेलों में तीन रजत और एक कांस्य पदक जीत चुकी हैं। जबकि एशियन खेलों में वह एक स्वर्ण और एक कांस्य पदक हासिल कर चुकी हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत प्रदर्शन 63.72 मीटर रहा है, जो उन्होंने इसी साल पटियाला में नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप्स में दर्ज किया था। सीमा का यह चौथा ओलम्पिक होगा।
वंदना कटारिया- हॉकी
15 अप्रैल 1992 को उत्तर प्रदेश के रोशनाबाद में जन्मी वंदना कटारिया (Vandana Kataria) हॉकी खेलती हैं और राष्ट्रीय टीम में वह फॉरवर्ड की भूमिका निभाती हैं। साल 2006 में भारत की जूनियर हॉकी टीम में इनका चयन हुआ और साल 2010 में यह सीनियर हॉकी टीम के लिए चुन ली गयीं। वंदना अब तक 200 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुकी हैं। यह इनका दूसरा ओलम्पिक होगा। (लेडीज न्यूज टीम, 22 जुलाई 2021)
(आवरण चित्र प्रियंका गोस्वामी के ट्विटर खाते से साभार)