रक्षा बंधन पर हर भाई अपनी बहन को कोई न कोई उपहार देता ही है। इसमें कुछ भी नया नहीं है, कुछ भी खास नहीं है। लेकिन खास हैं उत्तर प्रदेश के बदायूँ की वे दो बहनें, जिन्होंने अपने भाई को जीवन का अनमोल उपहार दिया है। उसकी दोनों बहनों ने उसकी जान बचा ली है।
अक्षत को लिवर ट्रांसप्लांट करने वाले डॉ. अरविंदर सिंह सायन ने अपने ट्विटर खाते पर लिखा, अक्षत आज इस राखी का त्योहार मना पाया, तो केवल अपनी बहनों की वजह से, इन दोनों बहनों ने अपना आधा-आधा लिवर दिया, ताकि अक्षत को लगाया जा सके। इन दोनों बहनों के दिये लिवर को मिला कर अक्षत को पूरा लिवर ट्रांसप्लांट किया गया। भारत में यह अपनी तरह का पहला ट्रांसप्लांट है।
अक्षत की उम्र 14 साल है। जब यह मामला डॉ. अरविंदर के पास पहुँचा, तो स्थिति यह थी कि अगर दो-तीन दिन में अक्षत का लिवर ट्रांसप्लांट नहीं होता, तो उसकी जान चली जाती। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अक्षत को डुअल लोब लिवर ट्रांसप्लांट किया गया। इसमें उसकी दोनों बहनों नेहा और प्रेरणा ने आधा-आधा लिवर दिया। इस मामले में अच्छी बात यह रही कि तीनों भाई-बहनों का ब्लड ग्रुप एक ही था।
अभी तीनों का स्वास्थ्य बेहतर है। अब लेडीज न्यूज टीम को इंतजार है उस दिन का जब दो भाई मिल कर अपनी बहन को आधा-आधा लिवर देंगे और रक्षा बंधन शब्द को चरितार्थ करेंगे। (लेडीज न्यूज टीम, 22 अगस्त 2021)
(आवरण चित्र डॉ. अरविंदर सिंह सायन के ट्विटर खाते से साभार)