वतन पे प्राण वार देते हैं जवान यहाँ
इनके लहू में कैसी है रवानी देखिये
धरती गगन हर जन मन पर लिखी
समर की ये अमर है कहानी देखिए
पीछे ना तनिक हटे सीमाओं पे मर मिटे
शहादत इनकी है आसमानी देखिए
हार मानी मौत ने भी, उनकी दीवानी हुई
मौत के भी बाद यह ज़िंदगानी देखिए
कुसुम सोनी
(अहमदाबाद, गुजरात)
(यह इनकी मौलिक रचना है)
(आवरण चित्र- श्वेता श्रीवास्तव)