आपसे वादा हुआ था कि नवरात्रि के नौ दिन हम देश की ऐसी नौ बेटियों की बात करेंगे जिन्होंने असंभव को संभव कर दिखाया।
आज कहानी एक शूटर बिटिया की। जिसकी उम्र महज 19 साल है और कारनामे इतने कि लिखने को कागज कम पड़ जाये।
हाल ही में संपन्न हुए टोकियो पैरालम्पिक्स (Tokyo Paralympics) के समापन समारोह में भारतीय दल का नेतृत्व करने का जिम्मा अवनि लेखड़ा (Avani Lekhara) को दिया गया। दरअसल अवनि लेखड़ा ने इन खेलों में नया इतिहास रच दिया। राजस्थान की राजधानी जयपुर में रहने वाली इस शूटर ने महिलाओं के एसएच1 (SH1) श्रेणी में 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में फाइनल में 249.6 प्वाइंट हासिल किया और गोल्ड पर विजय पा लिया। उसके बाद 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन एसएच1 इवेंट में अवनि ने कांस्य पदक हासिल किया। इस तरह अवनि ने इन खेलों में दो पदक हासिल किये- एक गोल्ड मेडल और एक ब्रान्ज मेडल। इस तरह महज 19 साल की आयु में अवनि लेखड़ा किसी भी ओलम्पिक खेल या पैरालम्पिक खेल में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गयीं। ऐसा कारनामा आज तक कोई भी भारतीय महिला खिलाड़ी कभी नहीं कर सकी थी।
बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु (PV Sindhu) ने ओलम्पिक खेलों में दो पदक जरूर जीते हैं, लेकिन इनमें से एक रियो ओलम्पिक में आया और दूसरा टोकियो ओलम्पिक में।
अवनि ने भारत को टोकियो पैरालम्पिक खेलों का पहला गोल्ड मेडल दिलाया। इस जीत के साथ ही पैरालम्पिक खेलों में पदक जीतने वाली वह तीसरी भारतीय महिला बन गयीं। इससे पहले साल 2016 के रियो पैरालम्पिक खेलों में दीपा मलिक ने शॉट पुट में रजत पदक और टोकियो पैरालम्पिक खेलों में ही भाविना पटेल ने रजत पदक जीता था। लेकिन अगर गोल्ड मेडल के लिहाज से देखा जाये, तो पैरालम्पिक खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली वह पहली भारतीय महिला बन गयीं।
आठ नवंबर 2001 को जयपुर में जन्मी अवनि साल 2012 में हुई कार दुर्घटना से पहले बाकी बच्चों की ही तरह थीं। लेकिन महज 11 साल की उम्र में हुई इस दुर्घटना ने उनका जीवन बदल दिया। वह पैराप्लेजिया की शिकार हो गयीं। सामान्य भाषा में कहें तो इस समस्या के शिकार लोगों के शरीर का निचला हिस्सा काम नहीं करता है।
लेकिन इस दिक्कत के बावजूद अवनि ने हार नहीं मानी। पिता की सलाह पर उन्होंने जीवन को उचित दिशा देने का फैसला कर लिया। उन्होंने शुरुआत तीरंदाजी से की, लेकिन मन लगा शूटिंग में। उसके बाद अवनि ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। (आवरण चित्र अवनि लेखड़ा के ट्विटर खाते से साभार)