केन्द्रीय आयुष मंत्रालय ने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत चल रहे आयुष सप्ताह में आज कोरोना की रोकथाम के मद्देनजर आयुष रोग प्रतिरोधक दवाओं के वितरण का अभियान शुरू किया। इसके तहत अगले एक साल में देश भर में 75 लाख लोगों के बीच रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाओं और कोरोना महामारी को काबू करने के उपायों को ध्यान में रख कर तैयार किये गये लिखित दिशा-निर्देशों का वितरण किया जायेगा। आयुष मंत्रालय का यह अभियान 60 वर्ष व उससे अधिक उम्र के लोगों तथा अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्यकर्मियों पर विशेष रूप से फोकस करेगा।
कोरोना महामारी की रोकथाम करने वाली आयुष दवाओं की किट में संशामणि वटी जिसे गुडुची या गिलोय घन वटी भी कहा जाता है तथा अश्वगंधा घन वटी है। रोगनिरोधक आयुर्वेदिक दवाओं की इस किट तथा दिशानिर्देशों को सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेदिक मेडिसिन (CCRAS) ने तैयार किया है।
कोरोना महामारी की रोकथाम को ध्यान में रखकर शुरू किये गये इस विशेष अभियान के शुभारंभ के अवसर पर आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए केन्द्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि आयुष रोगनिरोधी दवाओं के वितरण से नागरिकों को नोवल कोरोना वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि महामारी की दो लहरों के दौरान इस देश के लोगों ने हमारी पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में बहुत विश्वास दिखाया। उनके विश्वास ने हमें इस राष्ट्रव्यापी वितरण की शुरुआत करने के लिए प्रोत्साहित किया है।
कार्यक्रम में आयुष राज्यमंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई ने कहा कि वर्तमान अभियान विशेष रूप से 60 से अधिक आयु वर्ग के लोगों पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि 60 से अधिक आयु वर्ग के लोगों की प्रतिरक्षा क्षमता को कोरोना महामारी के मद्देनजर अपेक्षाकृत कमजोर माना जाता है। ऐसे में यह अभियान इस आयु वर्ग के लोगों की प्रतिरक्षा की क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगा। (लेडीज न्यूज टीम, 02 सितंबर 2021)
(आवरण चित्र आयुष मंत्रालय के ट्विटर खाते से साभार)