टोकियो (Tokyo) में चल रहे ओलम्पिक खेलों में भारत की महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन (Lovlina Borgohain) ने कांस्य पदक जीत कर देशवासियों को मुस्कुराने का एक और मौका दे दिया है। इस तरह इन खेलों में भारत के अब तक तीन पदक हो गये हैं। इससे पहले मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में रजत पदक और पीवी सिंधु ने बैडमिंटन में कांस्य पदक जीता था।
हालाँकि आज हुए सेमीफाइनल में लवलीना बोरगोहेन तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली (Busenaz Surmeneli) से 5-0 से हार गयीं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें कांस्य पदक मिल गया है। नियमों के मुताबिक, मुक्केबाजी के मुकाबले में सेमीफाइनल में पहुँचने वाले चारों खिलाड़ियों को पदक दिये जाते हैं। सेमीफाइनल हारने वाले दोनों खिलाड़ियों को कांस्य पदक मिलता है।
इस कांस्य पदक को हासिल करने के साथ ही लवलीना बॉक्सिंग में ओलम्पिक पदक जीतने वाली दूसरी महिला और तीसरी भारतीय बन गयी हैं। ओलम्पिक खेलों में भारत की ओर से अब तक एमसी मेरी कॉम (MC Mary Kom) और विजेन्दर सिंह ने बॉक्सिंग में पदक हासिल किये हैं।
बीते शुक्रवार को अपना बाउट जीत कर लवलीना ने सेमीफाइनल का टिकट पक्का किया था। क्वार्टरफाइनल में लवलीना का मुकाबला चाइनीज ताइपे की निन-चिन चेन से था। उनहत्तर किलोग्राम (69 Kg) वर्ग में खेलते हुए लवलीना ने निन-चिन चेन को 4-1 से हरा दिया था।
इससे पहले मंगलवार को हुए मैच में लवलीना ने जर्मनी की पैंतीस वर्षीया बॉक्सर नेदिन एपेट्ज को 3-2 से हरा कर क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया था। अपने पहले मुकाबले में लवलीना को बाई मिल गयी थी।
असम की इस 23 वर्षीया मुक्केबाज ने विश्व चैंपियनशिप में दो बार कांस्य पदक जीते हैं। साल 2020 में इन्हें अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। (लेडीज न्यूज टीम, 04 अगस्त 2021)
(आवरण चित्र लवलीना बोरगोहेन के ट्विटर खाते से साभार)