तमिल नाडु के चेन्नई की भवानी देवी (Bhavani Devi) ने आज सोमवार को टोकियो ओलम्पिक्स (Tokyo Olympics) में तलवारबाजी (Fencing) में हिस्सा ले कर इतिहास रच दिया। ओलम्पिक स्टेज पर तलवारबाजी में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली वह पहली भारतीय हैं। यही नहीं, आज अपने पहले मुकाबले में भवानी देवी ने ट्यूनीशिया की नादिया बेन अजीजी को 15-3 से हरा कर तलवारबाजी में ओलम्पिक स्तर पर कोई मैच जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी के तौर पर भी अपना नाम इतिहास में दर्ज करा लिया।
लेकिन अगले दौर में वह फ्रांस की मैनों ब्रूने से सात के मुकाबले पंद्रह अंकों से हार गयीं। ब्रूने की मौजूदा विश्व रैंकिंग तीन है, जबकि भवानी की विश्व रैंकिंग 42 है।
भले ही भवानी दूसरे दौर का मैच हार कर ओलम्पिक्स से बाहर हो गयीं, लेकिन मैच के दौरान उन्होंने जिस तरह का जज्बा और संघर्ष की क्षमता दिखायी, वह काबिलेतारीफ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने ट्विटर के माध्यम से भवानी की तारीफ भी की और उनका हौसला भी बढ़ाया। प्रधानमंत्री ने लिखा, अहम यह है कि आपने अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। हार और जीत जिन्दगी का हिस्सा हैं। आपके योगदान पर पूरे भारत को गर्व है। आप देश के नागरिकों के लिए प्रेरणा हैं।
27 अगस्त 1993 को जन्मी भवानी देवी के पिता पुजारी का काम करते थे, जबकि माँ गृहिणी थीं। साल 2004 में स्कूल स्तर पर वह तलवारबाजी से परिचित हुईं। हाई स्कूल के बाद उन्होंने केरल में साई सेंटर में दाखिला ले लिया। साल 2014 में फिलीपींस में आयोजित एशियन चैंपियनशिप में अंडर 23 श्रेणी में उन्हें रजत पदक मिला और ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय बनीं। साल 2015 में उनका चयन राहुल द्रविड़ एथलीट मेंटरशिप प्रोग्राम के लिए हो गया। इसके बाद साल 2018 में कैनबरा में हुए सीनियर कॉमनवेल्थ फेंसिंग चैम्पियनशिप में उन्होंने स्वर्ण पदक जीत लिया, ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय बन गयीं। (लेडीज न्यूज टीम, 26 जुलाई 2021)
(आवरण चित्र भवानी देवी के ट्विटर खाते से साभार)