तमिल नाडु के चेन्नई की भवानी देवी (Bhavani Devi) टोकियो ओलम्पिक्स (Tokyo Olympics) में तलवारबाजी (Fencing) में हिस्सा लेंगी। ओलम्पिक स्टेज पर तलवारबाजी में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली वह पहली भारतीय हैं। 19 जुलाई को टोकियो जाते समय उन्होंने ट्वीट में वादा किया कि तिरंगे की शान के बढ़ाने के लिए वह टोकियो में हर संभव प्रयास करेंगी।
लेकिन इस मुकाम तक पहुँचना भवानी के लिए आसान नहीं रहा है। इसके लिए उन्होंने कड़ा संघर्ष किया है। 27 अगस्त 1993 को जन्मी भवानी देवी के पिता पुजारी का काम करते थे, जबकि माँ गृहिणी थीं। उन्होंने एक ऐसी जगह पर तलवारबाज बनने का सपना देख लिया, जहाँ हर इंसान यही कहता मिला कि इस खेल में कोई भविष्य नहीं है, वह भी एक लड़की का तो बिल्कुल नहीं। लेकिन पिछले 17 सालों का उनका संघर्ष अब रंग लाया है।
साल 2004 में स्कूल स्तर पर वह तलवारबाजी से परिचित हुईं। हाई स्कूल के बाद उन्होंने केरल में साई सेंटर में दाखिला ले लिया। साल 2014 में फिलीपींस में आयोजित एशियन चैंपियनशिप में अंडर 23 श्रेणी में उन्हें रजत पदक मिला और ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय बनीं। साल 2015 में उनका चयन राहुल द्रविड़ एथलीट मेंटरशिप प्रोग्राम के लिए हो गया।
इसके बाद साल 2018 में कैनबरा में हुए सीनियर कॉमनवेल्थ फेंसिंग चैम्पियनशिप में उन्होंने स्वर्ण पदक जीत कर इतिहास बना दिया।
टोकियो ओलम्पिक्स में भी उनके लिए चुनौती आसान नहीं होगी। लेकिन जैसा कि उन्होंने ट्विटर पर अपने प्रोफाइल में लिखा है, द हार्डर द बैटल, द स्वीटर द विक्ट्री, यानि चुनौती जितनी कठिन होगी, जीत की मिठास उतनी अधिक महसूस होगी। (लेडीज न्यूज टीम, 21 जुलाई 2021)
(आवरण चित्र भवानी देवी के ट्विटर खाते से साभार)