मूक दर्शक

Colours of Life
आज मेरा मन बहुत दुखी है या यूं कहें कि व्यथित सा है इसके कारण का जिक्र ज़रूर करना चाहूंगी, जो कि मेरी आंखों देखी है आज मैं किसी काम से महमूरगंज (वाराणसी) जा रही थी जिसके लिए मैं रथयात्रा चौराहे पर एक ईरिक्शा में जाकर बैठ गई और चालक अन्य सवारियों के लिए आवाज लगा रहा था, तब तक मेरी नज़र दो लड़कियों पर पड़ी जिसमें से एक साइकिल से थी, जबकि दूसरी आटो के लिए खड़ी थी और शायद उसकी सहेली जो कि साइकिल से थी उसका साथ देने के लिए वहां रुकी थी दोनों लड़कियां शायद ग्यारहवीं या बारहवीं की छात्रा रही होगी, जो की किसी मूक बधिर विद्यालय की छात्राएं थी, क्योंकि वो साइन लैंग्वेज ( मूक बधिर हेतु भाषा) में बात कर रही थी चूंकि मैं भी आटो चलने के इंतजार में थी तब अचानक ही मैंने देखा कि उन दोनों लड़कियों में से जो आटो के पूछ रही थी उसने अपने हाथ पर शायद अपना पता लिखा था जो हर आटो चालक को दिखा कर तथा हाथ के इशारे से फ्लाईओवर के पार जाने के लिए पूछ रही थी ये क्रम कई बार चला, कोई भी आटो चालक आता और उस लड़की का हाथ पकड़ता और कुटिल मुस्कान के साथ मना कर देता, मेरे देखते ही देखते पांच,सात चालकों ने यही किया और आस पास खड़े तथा कथित सभ्य समाज के पुरुष मौन रहकर मंद मंद मुस्कान के साथ इसका आनंद ले रहे थे अब ये सब देख कर मुझे बहुत गुस्सा आया और मैं तुरंत उस लड़की के पास गई और उसके हाथ पर लिखे पते को देखा, चूंकि वो लड़की बोल नहीं सकती थी, उसकी आखों में आंसू भर आए और मुझसे लिपट गई मैंने उसके आंसू पोंछे तथा अपने साथ आटो में बैठाया तथा सख्ती के साथ चालक से चलने को कहा । उसकी सहेली भी हाथ जोड़कर कृतज्ञता प्रकट करते हुए अपनी साइकिल से चली गई। फिर उस बच्ची (लड़की या बच्ची मैं इस लिए लिख रही हूं क्योंकि मै उसका नाम उजागर नहीं करना चाहती जो कि उसने मेरे हाथ पर अपना नाम लिख कर बताया ) को उसके गंतव्य तक छोड़ा ,जाते समय उसने मना करने के बाद भी मेरे पैर छू कर प्रणाम किया और हल्की सी मुस्कान के साथ चली गई लेकिन इस पूरे मामले ने मेरे मन में उथल पुथल मचा दिया, मैं अपने आप को इस प्रश्न का जवाब नहीं दे पा रही थी कि आखिर कौन था मूक बधिर?वो दोनों बालिकाएं या वहां मौजूद दर्शक? ये दर्शक वही लोग है जो कि सोशल मीडिया पर बहुत एक्टिव होते हैं, किसी महिला के साथ जब दुर्भाग्यवश कुछ गलत हो जाता है तब सरकार के खिलाफ नारे लगाने तथा मोमबत्तियां जलाकर सबसे आगे चलते हैं लेकिन आस पास हो रहे ऐसे मामलों को नजर अंदाज कर दिया करतें हैं इस घटना को लिखने का मेरा एक उद्देश्य है कि अगर आपके आस पास ऐसा कुछ दिखे तो उसका विरोध करें, कहने को तो ये छोटी सी घटना है लेकिन हो सकता है कि उन मनचलों के कुत्सित मानसिकता कुछ बड़े घटना को अंजाम दे या इस तरह की हरकतों से तंग आकर कोई बेटी या महिला आत्महत्या जैसा कोई कदम उठा ले।आपकी थोड़ी सी सतर्कता किसी महिला की जान बचा सकती है। कृपया मौन ना रहें गलत के खिलाफ़ आवाज़ उठाएं
स्मृति

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