उम्मीद का मौसम

Mind and Soul

आज मौसम कुछ उदास है
तेरी मेरी बातें कुछ अधूरी हैं
बातें जो मन को अच्छी लगें
गम की उमस कुछ कम हो।

आज मौसम कुछ उदास है
चारों तरफ फैली गम की आँधी है
किसी को इंतजार अपनों का
किसी को बारिश की बूँदों का
तलाशता कोई आशा की किरण।

आज मौसम कुछ उदास है
गरीब की उदासी दो वक्त की रोटी में
अमीर की उदासी सुख शांति ढूँढने में
मन की उदासी का न कोई मोल
दुनिया है गोल सब झोल ही झोल।

आज मौसम कुछ उदास है
पर मौसम जरूर बदलेगा
फिर नई सुबह आयेगी
उम्मीद का समाँ फिर से बँधेगा
देखना परिवर्तन की लहरों से
आसमाँ चहकेगा।

मनीषा वि नाडगौडा

बेलगाम (कर्नाटक)

(यह इनकी मौलिक रचना है)

 

(आवरण चित्र- वैष्णवी तिवारी)

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