हल्दी का प्रयोग हम हर रोज करते हैं। हमारे भारतीय व्यंजनों में हल्दी का विशेष महत्व है। हल्दी के बिना तो हमारे धार्मिक आयोजन भी संपन्न नहीं होते अर्थात् हल्दी का रंग हमें अपने जीवन के कई हिस्सों में देखने को मिलता है शादी- ब्याह हो या हमारे स्वादिष्ट पकवान, हल्दी अपने रंग में सबको रंग लेता है|
लेकिन आज हम बात करेंगे हल्दी के औषधीय गुणों के बारे में। हल्दी हमारे शरीर में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है, जिससे हमें संक्रामक रोगों से लड़ने की शक्ति हासिल होती है। डायबिटीज की समस्या से आज अधिकतर लोग परेशान हैं, यदि डायबिटीज के मरीज नियमित रूप से हल्दी का सेवन करें, तो इस रोग से होने वाले जोखिमों से बच सकते हैं।
कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी में भी हल्दी का सेवन लाभप्रद है। विभिन्न शोधों में यह पाया गया कि हल्दी में “एंटी कैंसर प्रॉपर्टी” पाई जाती है, जो कैंसर नामक रोग से पीड़ित रोगी के लिए मित्र का काम करती है। त्वचा संबंधी समस्याओं में भी हल्दी फायदेमंद है, इसके लेप से त्वचा में निखार तो आता ही है, साथ ही साथ “ब्रेस्ट कैंसर” की सर्जरी के बाद त्वचा पर होने वाली एलर्जी में भी हल्दी के लेप का प्रयोग किया जाता है, जिससे काफी लाभ मिलता है। भोजन में हल्दी का नियमित सेवन “हार्ट अटैक ” के खतरे को भी कम करता है, गर्म दूध में हल्दी का प्रयोग किसी भी प्रकार की चोट या माँसपेशियों के दर्द में आराम देता है, हल्दी का धुँआ रात में लेने से सर्दी- जुकाम में जल्दी आराम मिलता है, सरसों के तेल में हल्दी पाउडर मिलाकर सुबह-शाम मसूड़ों पर लगाने से दाँत और मसूड़ों से संबंधित हर समस्या (पायरिया, मसूड़ों से खून आना, मुँह से बदबू आना) दूर करने में मदद मिलती है| हल्दी को भून कर और चूर्ण बना कर चुटकी भर हल्दी का चूर्ण शहद या घी के साथ मिला कर खाने से खाँसी में आराम मिलता है। पेट दर्द में भी थोड़ा सा गुड़ और हल्दी का चूर्ण मिला कर पीने से दर्द में आराम मिलता है। यही नहीं, पीलिया, बवासीर, कान के दर्द, आंखों में दर्द, सिर में पसीने से हो रही खुजली व गर्मी के कारण सिर में होने वाले फोड़े-फुंसी में इसका लेप लगाने से लाभ मिलता है।
स्मृति
Badi mast kachauri h Bhai…😊🥰🥰🥰🥰
Etne Jada gun h jaldi me …..
Mujhe to aaj pata Chala ♥️♥️♥️