सोच और बोल की सकारात्मकता और नकारात्मकता के बारे में आध्यात्मिक शिक्षक बीके शिवानी (BK Shivani) ने आज कू (Koo) के माध्यम से एक टिप्पणी की है।
उन्होंने कू पर लिखा है,
“मेरे बच्चे कहना नहीं मानते, पढ़ते नहीं, खाना नहीं कहते…” सोच और बोल घर के वातावरण में फैल जाते हैं, प्रभाव बच्चों पर पड़ता है, वह और वैसे बन जाते हैं।
अपनी हर सोच और बोल को आशीर्वाद बनायें – ”मेरा बच्चा आज्ञाकारी है, उसका हर कर्म सही है, वह अपनी क्षमता से ज़्यादा पढ़ता है, सफलता उसके लिए निश्चित है….” जैसा आप सोचेंगे और बोलेंगे, वैसे वह बनते जायेंगे।
(लेडीज न्यूज टीम, 15 नवंबर 2021)
(आवरण चित्र बीके शिवानी के कू खाते से साभार)