दियों के संग, दीपावली के रंग

Mind and Soul

अनंत दियों की बौछार, कई लाल, कई पीले
सबका एक ही मकसद, अँधेरे से उजाले की ओर
हवा में अजीब सी महक।

दीपावली की एक हलचल न्यारी सी
घर-घर में एक नया उत्साह
हर कोई आप्त जन से मिलने को बेकरार

यह पर्व धन दौलत आरोग्य दे, विद्या बुद्धि शक्ति की मंगल कामना
आप्तजन परिजनों से मिलते रहे
संवाद हो, विचारों का आदान प्रदान हो

बस यही कामना दीपावली में हो
पावन पर्व एक दूसरे के प्रति आदर का
दीप से सीखें, खुद जले और दूसरे को दें रोशनी।

आज है जरूरत देश को मिल जुल कर रहने की
पर्व दियों का, खुश रहने का
आओ मिलकर बनायें इसे खूबसूरत

प्रा मनीषा नाडगौडा
बेलगाम (कर्नाटक)

(यह इनकी मौलिक रचना है)

 

(आवरण चित्र- मेधा प्रसाद)

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