अक्सर लोग बातचीत में कह देते हैं, नजरिया बदल दो, नजारे बदल जायेंगे, लेकिन इस बात का मतलब काफी कम लोग ही समझ पाते हैं। आध्यात्मिक शिक्षक बीके शिवानी (BK Shivani) ने पिछले दिनों कू (Koo) के माध्यम से कुछ इसी तरह की बात कही, लेकिन पूरी तरह समझाते हुए।
शिवानी ने लिखा, हम जितने भी शब्द बोलते हैं, उनका एक वाइब्रेशन होता है, ऐसे में हमको चाहिए कि हम अधिक फ्रीक्वेंसी वाले शब्दों का इस्तेमाल करें। जैसे अगर आपको कहीं ‘बिजी’ बोलना है, तो आप उसकी जगह ‘ईजी’ बोल सकते हैं। किसी को आपको ‘ओके’ शब्द बोलना है, तो आप वहाँ ‘परफेक्ट’ कह सकते हैं। आप ‘जल्दी-जल्दी’ के बजाय ‘गुड टाइमिंग’ का इस्तेमाल कर सकते हैं। ‘मुझे उम्मीद है’ की जगह आप ‘मुझे विश्वास है’ कह सकते हैं। ‘तुम यह नहीं कर पाते’ के बजाय आप ‘तुम यह जरूर कर लोगे’ बोल सकते हैं। आप शब्दों में बदलाव कीजिए, यकीन मानिए, आपकी दुनिया बदल जायेगी। (लेडीज न्यूज टीम, 22 जुलाई 2021)
(आवरण चित्र बीके शिवानी के कू खाते से साभार)