वैसे तो हर पोषक तत्व आपके शरीर के लिहाज से महत्वपूर्ण है, लेकिन विटामिन सी (Vitamin C) की अहमियत काफी अधिक है। यह एन्टी ऑक्सिडेंट (Anti-oxidant) होता है। इसका वैज्ञानिक नाम एस्कॉर्बिक एसिड (Ascorbic Acid) है और यह खानपान के अहम घटक के तौर पर जाना जाता है। इसकी महत्ता की वजह है इसका गुण। दरअसल यह शरीर के विकास और इसके अंगों-अवयवों की मरम्मत (Repair) में मददगार साबित होता है। विटामिन सी शरीर से संबंधित विभिन्न गतिविधियों में सक्रियता के साथ सम्मिलित होता है, मसलन यह घाव को ठीक करने में मदद करता है, शरीर की प्रतिरोधक व्यवस्था (Immune System) को सुचारु रूप से चलाने में सहयोग करता है, कोलैजन बनाता है और आयरन को सोखने में सहायक होता है।
यदि कोई व्यक्ति अपने भोजन में पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी ले रहा है, तो उसको दिल की बीमारी होने या कैंसर (Cancer) होने का खतरा तुलनात्मक रूप से कम हो जाता है। जैसा कि हमने पहले बताया, यह आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करता है क्योंकि यह श्वेत रक्त कणिकाओं (WBC) के उत्पादन को बढ़ावा देता है जो विभिन्न संक्रमणों (Infections) से शरीर की रक्षा करता है।
दरअसल हर रोज विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा लेना आपके लिए काफी अहम है क्योंकि यह आपके स्वास्थ्य की बेहतरी सुनिश्चित करने में मददगार साबित होता है। आप सोच रहे होंगे कि आखिर आपको हर रोज विटामिन सी की कितनी मात्रा लेनी चाहिए? एक वयस्क व्यक्ति के लिए यह मात्रा है 60 से 90 मिलीग्राम, जबकि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को 85 से 120 मिलीग्राम विटामिन सी की जरूरत पड़ती है।
जाहिर है, अगला सवाल यह होगा कि यह मिलेगा कहाँ से? बेहतर यही होगा कि आप विटामिन सी की गोलियाँ लेने के बजाय इसे प्राकृतिक स्रोतों से हासिल करें। यह नीबू, संतरा, आँवला, टमाटर, हरी मिर्च, स्ट्राबेरी, ब्रोकली, पालक आदि में पाया जाता है। चूँकि ताप से विटामिन सी के नष्ट होने का खतरा होता है, ऐसे में बेहतर है कि विटामिन सी से भरपूर चीजों को कच्चा ही खा लिया जाये। यदि उनको पकाना जरूरी हो, तो उबाल कर खायें, न कि भून कर और तल कर।
श्वेता प्रकाश