एक निवेशक के तौर पर हर इंसान के पास उतना वक्त नहीं होता कि वह शेयर बाजार या अन्य निवेश विकल्पों पर लगातार नजर बनाये रखे। जिन लोगों के पास इन विकल्पों को ट्रैक करने का समय नहीं है, ऐसे लोगों के लिए म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) एक बेहतरीन विकल्प है। आइए यह देखें कि म्यूचुअल फंडों में निवेश से पहले आपको किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
देश में बड़ी संख्या में एसेट मैनेजमेंट कंपनियाँ हैं और सबके पास अलग-अलग योजनाएँ होती हैं, ऐसे में सबसे मुश्किल काम है सही म्यूचुअल फंड योजना का चयन। हर निवेशक अपनी वित्तीय जरूरत और सुविधा के हिसाब से इनका चयन कर सकता है। इसके अलावा योजना का चयन करते समय यह भी देखें कि योजना का ट्रैक रिकॉर्ड कैसा रहा है। इस क्षेत्र के जानकार और सहायक डॉट कॉम के फाइनेंशियल प्लानर अनिल कौल बताते हैं कि वह इक्विटी एमएफ बेहतर है जो मंदी के बाजार में अन्य योजनाओं के मुकाबले कम गिरावट का शिकार बने।
काफी सारे निवेशक पूँजी के निवेश के लिए उचित वक्त का इंतजार करते रहते हैं। ध्यान रखिए कि बड़े से बड़ा जानकार भी निवेश के उचित समय के बारे में सही आकलन नहीं कर सकता। ऐसे में आवश्यक है कि जितना जल्दी हो सके निवेश शुरू किया जाए और लगातार निवेश किया जाए, ताकि पूँजी में चक्रवृद्धि बढ़ोतरी होती रहे। बेहतर तरीका यह है कि म्यूचुअल फंड योजना में हर महीने निवेश के लिए राशि तय कर दी जाये और उससे हर महीने एक निश्चित तारीख को यूनिटें खरीदी जायें (चाहे जितनी भी मिलें)। इसे एसआईपी कहते हैं। हर ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड योजना में यह सुविधा उपलब्ध है।
केवल एक म्यूचुअल फंड योजना में निवेश करना सही नहीं होता। लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं कि पोर्टफोलियो में म्यूचुअल फंड योजनाओं की भीड़ एकत्र कर ली जाए। जरूरी है पोर्टफोलियो में इक्विटी एमएफ योजनाओं और डेट एमएफ योजनाओं का संतुलन। इक्विटी योजनाओं में ग्रोथ विकल्प और डेट योजनाओं में डिविडेंड विकल्प अपनाना बेहतर माना जाता है।
अन्य विकल्पों की ही तरह म्यूचुअल फंड योजना में निवेश करते समय भी हर निवेशक के मन में यह सवाल होता है कि कितनी अवधि के लिए पैसा लगाया जाए। इस सवाल का जवाब बिल्कुल आसान है। आप जितना अधिक वक्त देंगे, म्यूचुअल फंड योजना से उतना अधिक रिटर्न मिलेगा। संदेश साफ है- म्यूचुअल फंड योजना में लंबी अवधि का निवेश करें। (लेडीज न्यूज टीम, 05 जुलाई 2021)