अवध को लौटें हैं श्री राम….
अवध को लौटें हैं श्री राम,
संग में सिया- लखन गुण धाम।
अवध को लौटें हैं श्री राम।।
नैन जुड़ाऊँ,शीश झुकाऊँ
देहरी पर मैं दीप जलाऊँ,
देखूँ सुबहों – शाम ।
अवध को लौटें हैं श्री राम।।
विपदा में सब भक्त पुकारे
अँसुवन से बस चरण पखारे,
करुणा निधि श्री राम…।
अवध को लौटें हैं श्री राम।।
प्राण प्रतिष्ठा फिर से हुई है
अवध नगरी हर्षित हुई है,
हर मन में श्री राम।
अवध को लौटें हैं श्री राम।।
हे रघुकुल सर्वोत्तम रामा
मर्यादा पुरुषोत्तम रामा,
कण – कण में श्री राम।
अवध को लौटें हैं श्री राम।।
अवध को लौटें हैं श्री राम।
अवध को लौटें हैं श्री राम।।
ज्योति नारायण