टोकियो ओलम्पिक्स (Tokyo Olympics) में भारतीय महिला हॉकी टीम का कांस्य पदक जीतने का ख्वाब भी टूट गया है। कांस्य पदक के लिए खेले गये मुकाबले में ग्रेट ब्रिटेन ने भारत को 4-3 से हरा दिया। हालाँकि इस मैच में एक समय भारतीय महिलाएँ 0-2 से पिछड़ रही थीं, लेकिन पाँच मिनटों के भीतर लगातार तीन गोल दाग कर 3-2 से आगे हो गयीं। लेकिन आखिरी क्वार्टर में चौथा गोल दाग कर ग्रेट ब्रिटेन ने भारतीय महिलाओं को कांस्य पदक से वंचित कर दिया।
भले ही टोकियो ओलम्पिक्स में भारतीय महिलाओं को कोई पदक नहीं मिला, लेकिन पहली बार ओलम्पिक के सेमीफाइनल में पहुँचना भी छोटी उपलब्धि नहीं मानी जायेगी।
इससे पहले चार अगस्त को खेले गये सेमीफाइनल में अर्जेन्टीना ने भारत को 2-1 से हरा दिया था। ऐसे में भारत को कांस्य पदक के लिए मैच में ग्रेट ब्रिटेन का सामना करना पड़ा।
दो अगस्त को खेले गये क्वार्टरफाइनल मैच में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया की टीम को 1-0 से हरा कर सेमीफाइनल में प्रवेश किया था। इस जीत के साथ ओलम्पिक खेलों के इतिहास में पहली बार भारतीय महिला हॉकी टीम सेमीफाइनल में पहुँची थी।
पूल स्टेज के आखिरी मैच में भारतीय महिला हॉकी टीम ने दक्षिण अफ्रीका को हरा कर क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया था। पिछले शनिवार को खेले गये इस मैच में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 4-3 से हरा दिया था। इस जीत के साथ भारतीय टीम ने पाँच मैचों में दूसरी जीत हासिल की और इस पूल की छह में से चार टीमें क्वार्टरफाइनल में पहुँच गयीं।
भारतीय महिला हॉकी टीम की अनुभवी खिलाड़ी वंदना कटारिया ने शनिवार के मैच में तीन गोल दाग कर भारत की विजय सुनिश्चित की। इसी के साथ ओलम्पिक खेलों में हैट्रिक लगाने वाली वह पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गयीं।
15 अप्रैल 1992 को उत्तर प्रदेश के रोशनाबाद में जन्मी वंदना कटारिया (Vandana Kataria) राष्ट्रीय टीम में फॉरवर्ड की भूमिका निभाती हैं। साल 2006 में भारत की जूनियर हॉकी टीम में इनका चयन हुआ और साल 2010 में यह सीनियर हॉकी टीम के लिए चुन ली गयीं। वंदना अब तक 200 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुकी हैं। यह इनका दूसरा ओलम्पिक है। (लेडीज न्यूज टीम, 06 अगस्त 2021)
(आवरण चित्र रानी रामपाल के ट्विटर खाते से साभार)