माँ
माँ अनगढ़ सी खुद रहती, पर सुंदर गढ़े तस्वीर। गीत बनाती जीवन के, कर कितने ही तदबीर।। माँ की लोरी गीता है, और है रामायण की बात। दुख बच्चों का दूर है करती, करे प्रेम बरसात।। इनकी डांँट औ थपकी में है, जीवन भर का सार। मांँ के आँचल में है सोता, यह सारा संसार।। […]
Continue Reading