नवरात्रि की नौ कहानियाँ- ओलम्पिक खेलों में देश की महिलाओं का खाता खोलने वाली ‘द आयरन लेडी’

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वैसे तो भारत की ओर से काफी महिलाओं ने ओलम्पिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व किया है, लेकिन इन खेलों में पदक जीतना आसान नहीं रहा है। ओलम्पिक खेलों में भारत की महिलाओं के पदक जीतने का सिलसिला कर्णम् मल्लेश्वरी (Karnam Malleswari) ने शुरू किया। साल 2000 के सिडनी ओलम्पिक्स (Sydney Olympics) में भारोत्तोलन (Weightlifting) में 69 किलोग्राम श्रेणी में भाग लेते हुए कर्णम् मल्लेश्वरी ने कांस्य पदक (Bronze Medal) हासिल किया।

आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम् जिले में एक जून 1975 को जन्मी कर्णम् मल्लेश्वरी ने 12 साल की उम्र में अपना भारोत्तोलन का करियर आरंभ कर दिया था। साल 1990 में 15 साल की उम्र में उन्होंने नेशनल कैम्प ज्वाइन किया और उसके बाद पीछे मुड़ कर नहीं देखा। साल 1993 के विश्व चैंपियनशिप में 54 किलोग्राम श्रेणी में भाग लेते हुए उन्हें कांस्य पदक मिला, लेकिन अगले साल के विश्व चैंपियनशिप में उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया। साल 1994 और 1998 के एशियाई खेलों में उन्होंने रजत पदक प्राप्त किया। साल 1994 में ही उन्हें अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया, जबकि साल 1999 में उनको राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार और पद्म श्री पुरस्कार दिया गया।

कर्णम मल्लेश्वरी को दिल्ली सरकार ने दिल्ली खेल विश्वविद्यालय की पहली वाइस-चांसलर नियुक्त किया है। ‘द आयरन लेडी’ के नाम से मशहूर कर्णम मल्लेश्वरी फिलहाल एफसीआई में चीफ जनरल मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं।

(आवरण चित्र कर्णम् मल्लेश्वरी के इंस्टाग्राम खाते से साभार)

 

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