सुंदर है, मनोहर है, मीठी है, बहुत ही मनोरम परिचय है इस हिन्दी का

Mind and Soul

पूछा किसी ने मुझसे,
इस अंग्रेजी के जमाने में,
क्या महत्व है हिन्दी का….?
ज्यादा कुछ तो नहीं दो लाइनें बस कहीं मैंने,
महाभारत के युद्ध में जो स्थान है शिखंडी का
माँ शब्द को पूरा करने के लिए जो महत्व है
एक छोटी सी बिंदी का,
ऐसा ही कुछ खास महत्व है भाषाओं में हिन्दी का।।

गायों में सुरभि और नदियों में कालिंदी का
जो स्थान है, ऐसा ही कुछ महत्व है,
सभी भाषाओं में हिन्दी का।
देवियों में शक्ति और देव में बजरंगी का,
जो सम्मान है, ऐसा ही कुछ सम्मान है,
भाषाओं में हिन्दी का।

सुंदर है, मनोहर है, मीठी है,
सरल है, ओजस्विनी है,
बहुत ही मनोरम परिचय है इस हिन्दी का।
साहित्य की दुनिया में तो,
जैसे पूरा सागर ही है हिन्दी का।
संक्रांति के दिन आकाश में उड़ती तिलंगी का,
नयी नवेली दुल्हन के माथे पर बिंदी का,
जो स्थान है, वही महत्व है भाषाओं में हिन्दी का।।

शुभ्रा तिवारी

गाजीपुर (उत्तर प्रदेश)

(यह इनकी मौलिक रचना है)

1 thought on “सुंदर है, मनोहर है, मीठी है, बहुत ही मनोरम परिचय है इस हिन्दी का

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *