प्रकृति से न करो खिलवाड़
जीवन के हर मोड़ पर नये पन्नों का खुलना मानो प्रकृति के ऋतुओं में बदलाव आना बचपन की वे तोतली बातें, वो खेलना कूदना जैसे बारिश का छमछम गिरना जवानी की चंचलता में जैसे गुलाबी ठण्ड का अहसास होना उम्र का आगे बढ़ना मानो पतझड़ में पत्तों का गिरना सुख-दुख की नैया में बैठे किनारे […]
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