हरे पत्तों के गिरने का कोई मौसम नहीं होता
मिले होते जो राहों में, तो कोई गम नहीं होता जुस्तजू हो गयी होती ये दिल पुरनम नहीं होता लुटे हम प्यार की खातिर, मगर कुछ भी नहीं हासिल वफ़ा करते वफ़ा से वो, तो दिल में खम नहीं होता सितारे जगमगाते हैं, मगर रोशन कहाँ होते जलाते दीप देहरी पे, तो वो मातम नहीं […]
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