मेरे घर में आयी “श्री”

Colours of Life

घर में मेरे रहती है एक बिटिया बड़ी ही प्यारी,
सूरत उसकी भोली सी, सुर की बड़ी निराली।।

दादा-दादी खूब दुलारें, बुआ जी लाड़ लगावें,
पापा की तो जान है वो, चाचा की राजकुमारी।।

घर में भागे दौड़े दिन-भर, गिरती पड़ती हरदम,
अपनी धुन में मस्त रहे वह, नहीं है कोई गम।।

बड़ी बहन का नाम न जाने, गाग्गा कह के बुलाती,
भैया मिशी मिले कभी ना, फोटो से काम चलाती।।

अलका-अलका खूब रटे, और अवि को बोले बाबू,
इनकी तो बातों में जैसे, भरा पड़ा है जादू।।

सुन कर इनका बखान आप, जो इनसे मिलना चाहें,
ऑनलाइन ये रहती नहीं, कहिए तो फोटो दिखायें।

अब इनकी बातें होंगी, थोड़े दिनों के बाद,
तब तक बनाये रखिएगा, इन पर अपना आशीर्वाद।।

(“बच्चों का कोना” के लिए यह कविता भेजी है शुभ्रा तिवारी ने)

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