नवरात्रि पर माता की स्तुति

Mind and Soul

नव नव दुर्गा हे नव नव रूपा
नव नव हे शत शांत स्वरूपा

शैलपुत्री हे हिम हिमानी
महामाया हे माँ महारूपा

जगदम्बिका हे माँ अम्बालिका
शक्तिपुंंज माँ हे शतरूपा

त्रिपुर सुन्दरी माँ विंध्यवासिनी
सविता सुचिता हे माँ सविरूपा

माँ भवानी हे शिव-शिवाणी
ब्रह्माणी लक्ष्मी श्री रूपा

अखिल निरंजनी शारदे माँ हे
ज्ञानेश्वरी संज्ञान स्वरूपा

हे सिरंजनी असुर मर्दनी
माते श्री हे दिव्या रूपा

रक्तबीज पीये माँ कालिके
मंगला भैरवी माँ सदरूपा

जग का तू कल्याण करें माँ
ममतामयी माँ भव्य भू रूपा

शत शत नमन चरण रज धरती
आशीषों से माँ भर भर उर कूपा

ज्योति नारायण

हैदराबाद (तेलंगाना)

(यह इनकी मौलिक रचना है)

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