सावन का महीना आने वाला है और सभी महिलाओं में हरे रंग के प्रति आकर्षण बढ़ने लगा है। सावन में भगवान शिव की भक्ति करने के साथ-साथ महिलाएँ हरा रंग पहनना ज्यादा पसंद करती हैं। आखिर क्या कारण है कि सावन में चारों और हरियाली तो रहती ही है, महिलाएं भी सिर से पैर तक हरे रंग में तैयार होना पसंद करती हैं। हरी चूड़ियाँ, हरी साड़ियाँ- सब कुछ हरे रंग का। इसके लिए महीने भर पहले से ही तैयारियाँ शुरू हो जाती हैं। कपड़े खरीदना, उनको अपनी नाप के हिसाब से बनवाना, तरह-तरह के गहने, ये सब कुछ पहन कर सज-धज कर मंदिर जाना, पूजा करना, लेकिन पूरे महीने हरे रंग पहनना उनके लिए आवश्यक लगता है, ऐसी क्या खास बात है हरे रंग में, आइए जानने का प्रयास करते हैं।
ज्योतिष शास्त्र की मान्यता के मुताबिक हरा रंग सौभाग्य का रंग होता है। सावन आते ही हर तरफ हरियाली आ जाती है और यह पूरा महीना प्रकृति से खुद को जोड़ने का खास महीना होता है, इसलिए भगवान शिव पर जल अर्पित कर भी हम खुद को प्रकृति से जोड़ते हैं। भगवान शिव को जो धतूरा और बेल पत्र चढ़ाया जाता है, वह भी हरे रंग का होता है। सावन के महीने में हरा रंग ज्यादा इस्तेमाल करने का मतलब है कि हम खुद को प्रकृति से संयुक्त कर रहे हैं, साथ ही भगवाव शिव की आराधना में एक कदम आगे बढ़ा रहे हैं। ऐसा करने का प्रभाव हमारे भाग्य पर भी होता है। आपको बताते चलें कि शास्त्रों में प्रकृति को ईश्वर का रूप माना गया है। इस पूरे महीने हरा पहनने वाले लोगों पर प्रकृति की विशेष कृपा होती है। महिलाओं के हरे रंग की चूडि़याँ और सुहाग की चीजें पहनने का अर्थ है कि वे खुद को प्रकृति के साथ संयोजित कर रही हैं, उसके प्रति आभार व्यक्त कर रही हैं। ऐसा करने से उनके सुहाग की सलामती का उन्हें आशीर्वाद मिलता है।
इसके अलावा हरा रंग बुध ग्रह का प्रतीक होता है। बुध ग्रह करियर और व्यापार से जुड़ा हुआ है। ऐसे में हरा रंग पहनने से बुध प्रसन्न होते हैं और सुहागिनों के घर की समृद्धि में बढ़ोतरी होती है। इसके अतिरिक्त आपको कोई और भी जानकारी हो कि सावन के महीने में महिलाएँ हरे रंग को क्यों इतना पसंद करती हैं, तो आप भी अपनी जानकारी भी हमें कमेंट के माध्यम से बता सकते हैं। तो चलिए एक बार फिर हम सभी हरे रंग के लिए तैयार हो जायें और पूरे दिल से, पूरे मन से प्रकृति का स्वागत करें और भगवान शिव की आराधना करें हरे रंग में रंग कर।
शुभ्रा तिवारी