कोने
सुनो! कौन कहता है कोने सूने या बेवज़ह होते हैं लगा दी जाती हैं लताएँ निःशब्द आँगन के कोनों में चहचहाने उन चिड़ियों को जो बैचैन है अपनों के पलायन से, वीराने ड्राइंग रूम की छटपटाहटें करने दूर कोनों में रख दिये जाते हैं सूखे फूलों से सजे गुलदान ठीक उसी तरह जैसे भीतर से […]
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