करो कर्म ऐसा मिले लक्ष्य प्यारे
हमें काम कोई दिखाना पड़ेगा। सही धर्म को ही निभाना पड़ेगा।। नहीं कल्पना से सधे काम कोई। अकर्मण्य का है कहाँ नाम कोई। करो कर्म ऐसा मिले लक्ष्य प्यारे। न बैठो धरे हाथ में हाथ सारे। हमें पाँव ऐसा उठाना पड़ेगा। सही धर्म को ही निभाना पड़ेगा।। लिए ज्योत्सना चाँद सा रूप पाना। घनी रात […]
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