खामोशी से कहना है
हमें कर्मशील सदा रहना है बस नदी सा बहते रहना है पथ में आये शूल या पत्थर हमें आगे सदा ही बढ़ना है अनजाने पथ पर भी राही सोच समझ कर चलना है रात जले जो दीप देहरी सुबह उसे तो बुझना है आज हैं साँसें, कल न होंगी एक दिन इसने छलना है […]
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