छत्तीसगढ़ में साक्षरता की अखंड अलख जगा रही हैं रायपुर की वर्षा रावल

कई बार हम अपने नियमित कार्यक्रम को पूरा करते हुए इतने थक जाते हैं कि अन्य कामों के लिए मौका ही नहीं मिलता, 24 घंटे छोटे पड़ने लगते हैं। लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जो उन्हीं 24 घंटों के एक-एक मिनट का बेहतरीन तरीके से इस्तेमाल करते हुए समाज को आगे बढ़ाने में मदद […]

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आदिम युग का शुभारंभ

उतार फेंके हैं हमने वस्त्र लज्जा के नुकीले कर लिए हैं हमने अपने दाँत अपने नाख़ून भर ली है हिंसा अपनी शिराओं में ताकि कर सकें सामना उस शिकार का जिसने नहीं किये नुकीले अपने दाँत अपने नाख़ून, फिर भी प्रतिरोध करना जानते हैं हमे उकसाना जानते हैं नहीं देख सकते उनकी वाहवाही डरना जरूरी […]

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मूल्यांकन

सतह में रहकर समुद्र की गहराई नापना उतना ही मुश्किल होता है जितना कि आकाश की परिधि नापना पर फिर भी हम कर दे देते हैं मूल्यांकन अपने चश्मे से देखकर दे देते हैं परिणाम पूरा भरोसा दिलाकर सागर की गहराई को डरावनी शक्ल में, या आकाश को भयानक रूप में भले ही फर्क नहीं […]

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सिर्फ शब्द

ककहरे के साथ ही सीख लिया था, हर शब्द का महत्व हर शब्द की सार्थकता हर शब्द का अपना वज़न तभी तो वाक्य सीधे अर्जुन के तीर की तरह वहीं लगते थे दिल में, सीख लिए थे अंदाजे-बयां भी कि हर सुनने वाला बेसाख्ता कह उठता, वाह इधर कुछ समय से मातमी शब्दों ने हजारों […]

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