वर्षा रावल की रचना- एक कहानी …..

Mind and Soul

झूठ कहते हैं
जो कहते हैं,
मरने के बाद कुछ भी
साथ नहीं जाता…..

विश्वास नहीं तो खोद दो
दफन हुई औरतों की लाशें,
अग्नि को समर्पित
मरी हुई औरतों का इतिहास….

सदियों पहले मर चुकी औरतें हों
या उसके बाद क्रमशः
उम्रदराज़ हो, युवती या बच्ची ही
स्त्री जाति की हर
मृत आत्मा के साथ गई है,
कम से कम…
उसकी, एक कहानी,,…..

कहानियों से पट गये हैं धरती
आकाश, पाताल सब…

घायल, आहत, लहूलुहान, दग्ध
आत्माओं की कहानियाँ,
कुछ जगजाहिर
कुछ अनकही,
कुछ गहरे समंदर में
डूबी हुई
तो कुछ राख के नीचे
सुलगती दबी हुई,
कुछ के साक्ष्य मिटे हुए
कुछ पूरे सबूतों के साथ….

ज़िंदा औरतें जी रही हैं
कहानियों में अपनी भूमिका
रोते, कलपते, बिसुरते, घुटते
हँसते, खिलखिलाते, मुस्कुराते….

अपनी देह की मिट्टी में
दबी हुई आत्माओं के
साथ, जहाँ
दफन है हर कहानी
अज्ञात पत्थर से बँधी हुई कि
कहीं सतह से उथलकर
बाहर ही न निकल पड़े……

वर्षा रावल
रायपुर (छत्तीसगढ़)
(यह इनकी मौलिक रचना है)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *