मात्र बारह साल की उम्र में जीवन कर दिया था लाचारों की सेवा को समर्पित

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आज जन्म दिन है एक ऐसी महिला का, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन मानव सेवा में समर्पित कर दिया, जिनका नाम सुनते ही मन आदर, प्रेम, दया, करुणा और समर्पण जैसे भावों से भर उठता है। आज नोबेल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा (Mother Teresa) का जन्म दिन है। इनका जन्म 26 अगस्त 1910 को मेसोडोनिया के स्कॉपजे  शहर के मध्यमवर्गीय कैथोलिक परिवार में हुआ था।

बचपन से ही इनका गहरा लगाव व रुझान समाज के गरीब और असहाय लोगों के प्रति था, इसीलिए मात्र बारह वर्ष की आयु में ही इन्होंने अपने जीवन को दीन-दुखियों की सहायता के लिए, बीमारों-लाचारों की सेवा के लिए समर्पित करने का फैसला कर लिया। इन्होंने मानव सेवा को  अपने जीवन का परम लक्ष्य मान लिया।

साल 1929 में मदर टेरेसा भारत पहुँचीं। साल 1950 में उन्होंने मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की, ताकि मानवता की सेवा कर सकें। इसके अलावा मदर टेरेसा ने ‘निर्मल हृदय’ और ‘निर्मला शिशु भवन’ की भी स्थापना की। निर्मल हृदय असाध्य रोगों से ग्रसित रोगियों के लिए  था, जबकि निर्मला शिशु भवन गरीब, आश्रयहीन व बेघर बच्चों के लिए था। मदर टेरेसा आजीवन बेसहारा लोगों का सहारा बन उनके हृदय को अपने प्रेम, दया और ममता से पूर्ण करती रहीं।

साल 1979 में उन्होंने शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जबकि साल 1980 में भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया। पाँच सितंबर 1997 को कोलकाता में उनका निधन हो गया।

वह आज भी लोगों के दिलों में त्याग, समर्पण और करुणा की मूर्ति के रूप में रहती हैं। मदर के जन्म दिन पर उन्हें शत शत नमन। (लेडीज न्यूज टीम, 26 अगस्त 2021)

(आवरण चित्र https://www.motherteresa.org/ से साभार)

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