टोकियो में भारतीय महिलाओं ने किया ओलम्पिक खेलों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन, इस बार तीन पदक जीते

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टोकियो ओलम्पिक्स का समापन हो चुका है। भारत ने इस बार ओलम्पिक में सात पदक जीते, जो भारतीय दल का अब तक का सर्वेश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

भारतीय महिलाओं ने भी इस बार तीन पदक (एक रजत और दो कांस्य) जीते, जो भारतीय महिलाओं का ओलम्पिक खेलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इस बार भारतीय शटलर पीवी सिंधु (PV Sindhu) ने बैडमिंटन महिला एकल स्पर्द्धा में चीन की हे बिंगजिआओ (He Bingjiao) को 21-13, 21-15 से हरा कर कांस्य पदक हासिल किया। याद रहे कि साल 2016 के रियो ओलम्पिक खेलों में पीवी सिंधु को रजत पदक (Silver Medal) मिला था।

भारत की महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन (Lovlina Borgohain) ने कांस्य पदक जीत कर देशवासियों को मुस्कुराने का एक और मौका दिया। हालाँकि सेमीफाइनल में लवलीना बोरगोहेन तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली (Busenaz Surmeneli) से 5-0 से हार गयीं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें कांस्य पदक मिल गया। नियमों के मुताबिक, मुक्केबाजी के मुकाबले में सेमीफाइनल हारने वाले दोनों खिलाड़ियों को कांस्य पदक मिलता है।

इससे पहले 24 जुलाई को ही महिलाओं के 49 किलोग्राम भार वर्ग में मणिपुर की 26 वर्षीया मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) ने स्नैच ऐंड क्लीन जर्क में कुल 202 (87+115= 202) किलोग्राम वजन उठा कर इन खेलों का पहला रजत पदक (Silver Medal) देश को दिला दिया था।

इस तरह सारे ओलम्पिक खेलों को मिला कर भारतीय महिलाओं को आठ पदक- छह कांस्य पदक और दो रजत पदक मिल चुके हैं। टोकियो ओलम्पिक्स 2020 में तीन पदक, रियो ओलम्पिक्स 2016 में दो पदक, लंदन ओलम्पिक्स 2012 में दो पदक और सिडनी ओलम्पिक्स 2000 में एक पदक।

खेलों के लिहाज से देखें तो बैडमिंटन से तीन पदक, वेटलिफ्टिंग और बॉक्सिंग से दो-दो, जबकि रेसलिंग से एक पदक मिला है। पीवी सिंधु दो ओलम्पिक खेलों में पदक हासिल करने वाली एकमात्र भारतीय महिला खिलाड़ी हैं।

ओलम्पिक खेलों में भारत की महिलाओं के पदक जीतने का सिलसिला कर्णम् मल्लेश्वरी (Karnam Malleswari) ने शुरू किया। साल 2000 के सिडनी ओलम्पिक्स (Sydney Olympics) में भारोत्तोलन (Weightlifting) में 69 किलोग्राम श्रेणी में भाग लेते हुए कर्णम् मल्लेश्वरी ने कांस्य पदक (Bronze Medal) हासिल किया।

इसके बाद के दो ओलम्पिक खेलों से भारतीय महिलाओं को खाली हाथ ही लौटना पड़ा, लेकिन साल 2012 के लंदन ओलम्पिक्स (London Olympics) में साइना नेहवाल (Saina Nehwal) ने इस सूखे को खत्म कर दिया। बैडमिंटन (Badminton) की महिला एकल प्रतिस्पर्द्धा में साइना को कांस्य पदक हासिल हुआ। इसके कुछ ही दिनों बाद बॉक्सिंग (Boxing) के फ्लाइवेट कैटेगरी में एम सी मेरी कॉम (M C Mary Kom) ने भी कांस्य पदक जीता। इस तरह लंदन ओलम्पिक्स से भारत की महिलाएँ दो कांस्य पदक ले कर लौटीं।

साल 2016 के रियो ओलम्पिक्स (Rio Olympics) तक आते-आते भारतीय महिलाओं से उम्मीदें काफी बढ़ चुकी थीं। इस बार कमाल दिखाया कुश्ती (Wrestling) की खिलाड़ी साक्षी मलिक (Sakshi Malik) ने। इन्होंने 58 किलोग्राम के फ्रीस्टाइल श्रेणी में कांस्य पदक हासिल किया। इसके बाद बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिन्धु (PV Sindhu) ने महिला एकल प्रतिस्पर्द्धा में रजत पदक जीत कर इतिहास रच दिया। इस तरह रियो ओलम्पिक खेलों में भी भारत को दो पदक मिले- एक रजत और एक कांस्य। (लेडीज न्यूज टीम, 10 अगस्त 2021)

(आवरण चित्र पीवी सिंधु के ट्विटर खाते से साभार)

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