तेरी मानवता कहाँ खो गई है

अरे ओ मानव! बता जरा तेरी मानवता कहाँ खो गई है? क्या तेरी सारी की सारी संवेदनाएँ कुंभकरण की नींद सो गई हैं? ऑक्सीजन सिलिंडर के दाम तो हैं मात्र कुछ हजार। बेच रहे कुछ लोग लाखों में उनको धिक्कार है धिक्कार।। काटी है कुछ ने खूब चाँदी दीन-दुखियों को सता-सता कर। बेच रहे कुछ […]

Continue Reading