आत्मसम्मान
हर सम्मान से पहले, आत्मसम्मान जरूरी है। विधाता ने जीवन दिया, इस जीवन का मान जरूरी है। आत्मसम्मान के बिना, राजा रंक बना फिरता है। आत्मसम्मान से भरा रंक, राजा की तरह जीता है। आत्मसम्मान यदि मरता है, इंसान मन से मर जाता है। निभाता है वह हर रिश्ता, खुद मन से मर जाता है। […]
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