बनेगी अपनी पहचान एक दिन

स्तुति करूँ वाग्देवी की, या साधना महादेवी की।   पंत, दिनकर और निराला या प्रेरणा लूँ अज्ञेय से, कुछ लिखूँ, क्या लिखूँ कैसे पीछे हटूँ अपने ध्येय से।   मन में विचार नित नए कौंधते, रहीम, सूर, तुलसी सा लिखूँ या सीख लूँ, रसखान और हरिऔध से।   कहाँ से सीखूँ भाषा शैली, मुझको शरण […]

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मेरे स्वरों की पहचान रख लो

मेरी रचनाओं का इक नाम रख लो मेरे स्वरों की पहचान रख लो मुझ पर है विश्वास यदि मेरे विश्वास की आन रख लो मेरी आस मेरे विश्वास की हुई हार हरदम स्वयं से जीतने का आज मान रख लो अपने अस्तित्व को बनाए रखने की खातिर घायल हुई कई बार, वो निशान रख लो […]

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