दीपावली पर ज्योति नारायण की दो रचनाएँ

  एक कविता- लघु दिया सूरज आगे लघु दिया क्या यही अमावस पूर्ण ओम हुई ज्ञान ज्योति की उज्जवल किरणें भर प्रकाश यह व्योम हुईं छुई-मुई नन्हीं सी बाला झूम-झूम कर मौन हुई ना जाने किस प्रीत में पागल लहक-लहक यही होम हुई भर आकूत आवर्त घिरी रही फिर भी प्रखर हो धूम्र हुई श्रम […]

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दियों के संग, दीपावली के रंग

अनंत दियों की बौछार, कई लाल, कई पीले सबका एक ही मकसद, अँधेरे से उजाले की ओर हवा में अजीब सी महक। दीपावली की एक हलचल न्यारी सी घर-घर में एक नया उत्साह हर कोई आप्त जन से मिलने को बेकरार यह पर्व धन दौलत आरोग्य दे, विद्या बुद्धि शक्ति की मंगल कामना आप्तजन परिजनों […]

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मधु सक्सेना की रचना- इंतज़ार है

आया त्यौहार भर गई उमंग प्रकृति ने किया श्रृंगार महकने लगी दिशाएँ फिर भी … इंतज़ार है उस महक का जो महका दे मनुष्य को सदा-सदा के लिए … आ गए सब .. सज गए रिश्ते घर की गोद भर गई स्वाद घुलने लगे गुजिया, पपड़िया के खनकने लगी हँसी . फिर भी .. इंतज़ार […]

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इस दीवाली घर की सफाई में करें कुछ नये तरीके इस्तेमाल

दीवाली का त्योहार जल्दी आने वाला है और हम सभी अपने घर में साफ-सफाई की शुरुआत कर चुके हैं। ऐसा माना जाता है कि घर में साफ सफाई हो तो लक्ष्मी माता वहाँ अवश्य निवास करती हैं। सच कहा जाये, तो इस समय साफ-सफाई का एक अभियान ही चल पड़ता है हमारे घरों में। बचपन […]

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