जज्बात-ए-दिल हैं ऐसे कि रिश्ते कम रखती हूँ

जज्बात-ए-दिल हैं ऐसे कि रिश्ते कम रखती हूँ। अब हर बात में हाँ कहना छोड़ दिया मैंने, अब तो ना कहने का हुनर भी अपने संग रखती हूँ। जज्बात-ए-दिल हैं ऐसे कि रिश्ते कम रखती हूँ। किसी को दर्द देने का इरादा नहीं है मेरा, लेकिन बात सही है, तो कहना भी है जरूरी, ऐसे […]

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