सनस्क्रीन (Sunscreen) कितना जरूरी है आपके लिए

Body and Health

यदि आप भी उन लोगों में से हैं जिनको लगता है कि धूप में बाहर जाने से पहले दुपट्टे या स्कार्फ से अपना चेहरा पूरी तरह ढँक लेना आपके लिए पर्याप्त है, तो इस लेख को एक बार जरूर पढ़ें। यूँ तो धूप हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है, पर जरूरत से ज्यादा धूप में रहने के नुकसान भी उठाने पड़ सकते हैं। ओजोन परत (Ozone Layer) में लगातार हो रहे क्षरण के कारण सूरज की अल्ट्रा वायलेट (Ultra violet- UV) किरणें हम तक आसानी से पहुँच जाती हैं। जरूरत से ज्यादा धूप में रहने से त्वचा का रंग न सिर्फ गहरा (Sun Tan) हो जाता है, बल्कि उस पर महीन रेखाएँ पड़ने लगती हैं और समय पूर्व झुर्रियाँ पड़ने की समस्या भी हो सकती है।

अल्ट्रा वायलेट किरणों के प्रभाव से चेहरे की कोशिकाओं (skin cells) के डीएनए (DNA) तक को नुकसान पहुँच सकता है और स्किन कैंसर (Skin cancer) का खतरा भी हो सकता है। ऐसे में आपका दुपट्टा या छतरी धूप से आपकी कुछ सुरक्षा तो अवश्य करते हैं, पर इन खतरनाक किरणों से बचने के लिए सिर्फ इतना ही पर्याप्त नहीं होता। इसके लिए आपको जरूरत होती है एक उपयुक्त सनस्क्रीन (Sunscreen) की, जो अल्ट्रा वायलेट किरणों से आपकी त्वचा की सुरक्षा कर सके।

जब बात हो सनस्क्रीन की तो सबसे पहले दिमाग में आता है सन प्रोटेक्शन फैक्टर (Sun protection factor- SPF)। हमें अपनी जरूरत के हिसाब से ही एसपीएफ का चयन करना चाहिए। आपका एसपीएफ इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी त्वचा का रंग कैसा है और आप कितनी देर तक धूप में रहने वाले हैं। अगर आप ज्यादा देर तक धूप में रहते हैं तो आप को ज्यादा एसपीएफ की जरूरत है। वैसे ही आपकी त्वचा का रंग जितना फेयर (fair) होगा आपको उतने ज्यादा एसपीएफ की जरूरत होगी। भारतीय स्कीन टोन (Indian skin tone) के लिए एसपीएफ 30 पर्याप्त माना जाता है। वैसे आप अपनी जरूरत के अनुसार एसपीएफ 15 से लेकर 50 तक चुन सकते हैं।

एसपीएफ के अलावा भी सनस्क्रीन खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। एक अच्छे सनस्क्रीन में यूवीए (UVA) और यूवीबी (UVB) दोनों तरह की किरणों से बचाने की क्षमता होनी चाहिए। यूवीबी किरणों के लिए हमें एसपीएफ और यूवीए के लिए पीए (Protection Grade of UVA) पर ध्यान देना चाहिए। पीए के आगे जितने + होंगे, आपकी सनस्क्रीन उतनी ही बेहतर होगी। इसके साथ सनस्क्रीन वाटरप्रूफ भी होनी चाहिए, वरना आपकी सनस्क्रीन पसीने के साथ बह जायेगी। इसके अलावा यह भी याद रखें कि हमेशा अच्छे ब्रांड का सनस्क्रीन ही इस्तेमाल करना चाहिए।

ध्यान रखें कि हमेशा धूप में बाहर जाने से 20 मिनट पहले सनस्क्रीन लगायें। ऐसा करने से सनस्क्रीन को आपकी त्वचा पर काम करने का पर्याप्त समय मिल जाता है। अगर लगातार धूप में बाहर रहना हो, तो हर दो घंटे बाद सनस्क्रीन लगायें। अगर आप बाहर जाने से पहले मेकअप करना पसंद करती हैं, तो इसे फाउंडेशन से पहले लगायें। सनस्क्रीन लगाने से पहले अपनी स्किन को मॉश्चराइज जरूर करें।

अगर आप बाजार में बिकने वाले महँगे सनस्क्रीन नहीं खरीदना चाहतीं, तो थोड़ी सी मेहनत से आप इसे घर में भी तैयार कर सकती हैं। तिल के तेल, नारियल के तेल और शिया बटर में नेचुरल एसपीएफ होता है। घर में सनस्क्रीन बनाने के लिए एक बड़े चम्मच तिल के तेल (आप नारियल तेल या शिया बटर भी ले सकते हैं) में समान मात्रा में एलोवेरा जेल, 8-10 बूँदे पेपर मिंट ऑयल, 5-6 बूँदे लैवेंडर ऑयल डाल कर मिक्स कर लें। धूप में निकलने से पहले इस मिश्रण को सनस्क्रीन की तरह चेहरे और शरीर के खुले भागों मे लगायें।

श्वेता प्रकाश

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