प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2014 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिए गए अपने संबोधन में प्रधान मंत्री जन धन योजना (PMJDY) की घोषणा की थी। 28 अगस्त 2014 को इस योजना की शुरुआत करते हुए प्रधान मंत्री ने इस अवसर को गरीबों की एक दुष्चक्र से मुक्ति के उत्सव के रूप में निरूपित किया था।
केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा 26.3.2020 को की गयी घोषणा के अनुसार प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत प्रधान मंत्री जन धन योजना के महिला खाताधारकों के खातों में तीन महीने (अप्रैल 2020 से जून 2020) के लिए 500 रुपये प्रति माह जमा किया गया। कोविड लॉकडाउन के दौरान महिला पीएमजेडीवाई खाताधारकों के खातों में कुल 30,945 करोड़ रुपये जमा किये गये।
आज इस योजना के सात साल पूरे हो गये हैं। ऐसे में मौका है यह देखने का कि इन खातों की स्थिति क्या है और इनके जरिये जो लक्ष्य हासिल करने के सपने देखे गये थे, वह पूरे हो रहे हैं या नहीं।
18 अगस्त 2021 को पीएमजेडीवाई खातों की कुल संख्या 43.04 करोड़ है। इसमें से 55.47 % (23.87 करोड़) जन धन खाताधारक महिलाएँ हैं और 66.69% (28.70 करोड़) जन धन खाते ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं। अगस्त 2021 में, कुल 43.04 करोड़ पीएमजेडीवाई खातों में से 36.86 करोड़ खाते (85.6%) चालू हैं। चालू खातों की प्रतिशतता में लगातार बढ़ोतरी इस बात का संकेत है कि इनमें से अधिकतर खाते ग्राहकों द्वारा नियमित रूप से उपयोग में लाये जा रहे हैं।
सिर्फ 8.2% पीएमजेडीवाई खाते शून्य शेष वाले खाते हैं। पीएमजेडीवाई खातों के तहत कुल जमा शेष राशि 1,46,230 करोड़ रुपये है। प्रति खाते में औसत जमा राशि 3,398 रुपये है। अगस्त 2015 की तुलना में प्रति खाते में औसत जमा राशि में 2.7 गुना से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। औसत जमा राशि में बढ़ोतरी खातों के बढ़ते उपयोग और खाताधारकों में बचत की आदत का एक और संकेत है।
पीएमजेडीवाई खाताधारकों को जारी किये गये रुपे कार्ड की कुल संख्या 31.23 करोड़ है। (लेडीज न्यूज टीम, 28 अगस्त 2021)