शब्द ही है अकेला, शब्द ही संसार है

शब्द ही निः शब्द है शब्द ही तो बोल है शब्द ही मोतियों की माला शब्द ही मुक्ताहार है शब्द ही तो बनावटी शब्द ही यथार्थ है शब्द ही है अकेला शब्द ही संसार है। शब्द ही तो गीत है शब्द ही तो साज है शब्द ही तो तीर है शब्द ही तलवार है शब्द […]

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सिर्फ शब्द

ककहरे के साथ ही सीख लिया था, हर शब्द का महत्व हर शब्द की सार्थकता हर शब्द का अपना वज़न तभी तो वाक्य सीधे अर्जुन के तीर की तरह वहीं लगते थे दिल में, सीख लिए थे अंदाजे-बयां भी कि हर सुनने वाला बेसाख्ता कह उठता, वाह इधर कुछ समय से मातमी शब्दों ने हजारों […]

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