मेरे स्वरों की पहचान रख लो

मेरी रचनाओं का इक नाम रख लो मेरे स्वरों की पहचान रख लो मुझ पर है विश्वास यदि मेरे विश्वास की आन रख लो मेरी आस मेरे विश्वास की हुई हार हरदम स्वयं से जीतने का आज मान रख लो अपने अस्तित्व को बनाए रखने की खातिर घायल हुई कई बार, वो निशान रख लो […]

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पागल है रे तू

सबके लिए था उसके मन में प्यार, आदर, समर्पित भाव। लेकिन शायद खुद के लिए ये सब कमाना नहीं आया उसे। और जब-जब इस बात का अहसास होता, थोड़ी देर के लिए उदास हो जाती, फिर सोचती किसी ने कहा थोड़े ही था, ये सब तो उसके मन के ही भाव थे, फिर शिकायत कैसी […]

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