दियों के संग, दीपावली के रंग

अनंत दियों की बौछार, कई लाल, कई पीले सबका एक ही मकसद, अँधेरे से उजाले की ओर हवा में अजीब सी महक। दीपावली की एक हलचल न्यारी सी घर-घर में एक नया उत्साह हर कोई आप्त जन से मिलने को बेकरार यह पर्व धन दौलत आरोग्य दे, विद्या बुद्धि शक्ति की मंगल कामना आप्तजन परिजनों […]

Continue Reading

गुरु की महिमा अगाध

अँधेरे से उजाले की ओर, सूरज की किरणों सा, दीपक की भाँति राह दिखाते अज्ञान से ज्ञान की ओर, जीवन की नय्या पार कराते, किनारे पर पहुँचाते निराशा से आशा की ओर, प्रेरणा के उत्तुंग शिखर पर आसनस्थ कराते नकारात्मकता से सकारात्मकता की ओर, सूर्य के किरण की भाँति तेज भरते जिन्दगी के हर कदम […]

Continue Reading

उम्मीद का मौसम

आज मौसम कुछ उदास है तेरी मेरी बातें कुछ अधूरी हैं बातें जो मन को अच्छी लगें गम की उमस कुछ कम हो। आज मौसम कुछ उदास है चारों तरफ फैली गम की आँधी है किसी को इंतजार अपनों का किसी को बारिश की बूँदों का तलाशता कोई आशा की किरण। आज मौसम कुछ उदास […]

Continue Reading

प्रकृति से न करो खिलवाड़

जीवन के हर मोड़ पर नये पन्नों का खुलना मानो प्रकृति के ऋतुओं में बदलाव आना बचपन की वे तोतली बातें, वो खेलना कूदना जैसे बारिश का छमछम गिरना जवानी की चंचलता में जैसे गुलाबी ठण्ड का अहसास होना उम्र का आगे बढ़ना मानो पतझड़ में पत्तों का गिरना सुख-दुख की नैया में बैठे किनारे […]

Continue Reading

विचलित धरा, महसूस कर उसका कराहना

हरी-भरी वसुंधरा के गुनहगार हैं हम न जाने कितने घाव सहन किये इसने सदियों से हमारी विरासत की भागीदार है यह भूत भविष्य वर्तमान है यह चोट पायी इन्सान से ऐसी इसने हो गयी धरा बेहाल जख्म दिए कितने मानवीय गतिविधियों ने अरे बस, अब तो रुक जा, देख आज वही धरती तुम्हें घर पे […]

Continue Reading