दीवार
अपने कंधों पर ले कर घूमती ना जाने कितने घर, मंदिर, कुटी और मीनार, दीवार। नींव में बरसों-तलक दब कर भी कभी उफ़ नहीं करती दीवार। लोग कहते हैं दीवारों के भी कान होते हैं पर कभी किसी से कुछ नहीं कहती दीवार। अपनी सख़्त बाँहों के घेरे में बचाये रखती हमारे परिवार को लोगों […]
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