भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों की ओर से ग्राहकों को दी जाने वाली लॉकर सुविधा (Locker Facility) से जुड़े नियमों में कुछ संशोधन किये हैं। ये सभी संशोधन एक जनवरी 2022 से लागू हो जायेंगे।
भारतीय रिजर्व बैंक ने इस बारे में 18 अगस्त को जो विस्तृत आदेश जारी किया है, उसमें लिखी गयी अहम बातें जानना आपके लिए जरूरी है। आरबीआई ने लिखा है, प्राकृतिक आपदाओं या ईश्वरीय कृत्यों जैसे भूकंप, बाढ़, बिजली और आँधी या किसी भी ऐसे कार्य, जो ग्राहक की एकमात्र गलती या लापरवाही के कारण होता है, से उत्पन्न होने वाले किसी भी नुकसान या लॉकर की सामग्री के नुकसान के लिए बैंक उत्तरदायी नहीं होगा। हालाँकि, बैंक अपने परिसरों को ऐसी आपदाओं से बचाने के लिए अपने लॉकर सिस्टम की उचित देखभाल करेंगे।
साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक ने यह भी स्पष्ट किया है कि बैंकों की यह जिम्मेदारी है कि वे यह सुनिश्चित करें कि जिस परिसर में तिजोरी रखी जाती है, उसकी सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाए जायें। बैंक परिसर में आग, चोरी, सेंधमारी, लूट, डकैती, इमारत ढहने जैसी घटनाएँ बैंक की अपनी कमियों, लापरवाही और किसी चूक के कारण न हों। चूँकि बैंक यह दावा नहीं कर सकते कि लॉकर की सामग्री के नुकसान के लिए उनका अपने ग्राहकों के प्रति कोई दायित्व नहीं है, ऐसे मामलों में जहाँ लॉकर की सामग्री का नुकसान ऊपर बतायी गयी घटनाओं के कारण होता है या इसके कर्मचारियों की धोखाधड़ी के कारण होता है, तो बैंक उस सुरक्षित जमा लॉकर के मौजूदा वार्षिक किराये के सौ गुना के बराबर राशि उस लॉकर के ग्राहक को देगा।
आरबीआई के मुताबिक, बैंक अपने लॉकर के ग्राहक के साथ समझौते में यह बात शामिल करेंगे कि लॉकर का ग्राहक उस लॉकर में कुछ भी अवैध या कोई खतरनाक पदार्थ नहीं रखेगा। यदि बैंक को संदेह है कि किसी ग्राहक द्वारा लॉकर में कोई अवैध या खतरनाक पदार्थ जमा किया गया है, तो बैंक को ऐसे ग्राहक के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का अधिकार होगा। (लेडीज न्यूज टीम, 20 अगस्त 2021)
(आवरण चित्र भारतीय रिजर्व बैंक के ट्विटर खाते से साभार)